अब बिना दस्तावेज़ अपलोड किए होंगे अपडेट
नवंबर 2025 से यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) आधार कार्ड से जुड़े कई बड़े बदलाव लागू करने जा रही है।
UIDAI के नए नियमों के तहत अब आप अपना नाम, पता, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर ऑनलाइन अपडेट कर सकेंगे — वो भी बिना किसी दस्तावेज़ को अपलोड किए।
नई डिजिटल प्रणाली अपने आप आपके विवरण को सरकारी डेटाबेस जैसे PAN, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र से मिलान करेगी।
इससे प्रक्रिया होगी तेज़ और परेशानी होगी कम।
हालांकि, बायोमेट्रिक अपडेट्स जैसे फिंगरप्रिंट, आइरिस या फोटो के लिए अभी भी नज़दीकी आधार सेवा केंद्र पर जाना होगा।
आधार अपडेट के लिए नई सर्विस फीस
UIDAI ने 1 अक्टूबर 2025 से आधार अपडेट के शुल्क में बदलाव किया है —
- जनसांख्यिकीय अपडेट (नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल): ₹75 (पहले ₹50)
- बायोमेट्रिक अपडेट (फिंगरप्रिंट, आइरिस, फोटो): ₹125 (पहले ₹100)
UIDAI के अनुसार, यह संशोधन तकनीकी उन्नयन और बेहतर सेवा वितरण के लिए किया गया है।
बच्चों के लिए मुफ़्त बायोमेट्रिक अपडेट
अभिभावकों के लिए राहत की खबर है — UIDAI ने 5 से 17 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ़्त बायोमेट्रिक अपडेट की घोषणा की है।
यह सुविधा 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक उपलब्ध रहेगी।
यह पहल लगभग 6 करोड़ बच्चों को लाभ पहुंचाएगी। UIDAI ने अभिभावकों से समय पर अपडेट पूरा करने की अपील की है ताकि बच्चों को छात्रवृत्ति, शिक्षा योजनाओं और सरकारी लाभों का आसानी से लाभ मिल सके।
PAN-आधार लिंक की नई अंतिम तिथि
सरकार ने PAN और आधार लिंक करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी है।
यदि यह लिंक समय पर नहीं किया गया, तो 1 जनवरी 2026 से PAN निष्क्रिय हो जाएगा।
इससे इनकम टैक्स रिटर्न, डीमैट अकाउंट और निवेश से जुड़ी सेवाएं प्रभावित होंगी।
ई-केवाईसी अब और आसान और सुरक्षित
UIDAI ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ मिलकर आधार ई-केवाईसी सेटु और ऑफलाइन केवाईसी फ्रेमवर्क लॉन्च किए हैं।
अब बैंक और वित्तीय संस्थान ग्राहकों की पहचान बिना पूरे आधार नंबर को एक्सेस किए कर सकेंगे।
इससे डेटा गोपनीयता बढ़ेगी और अकाउंट खोलने की प्रक्रिया तेज़ और सुरक्षित होगी।
कड़े हुए आधार वेरिफिकेशन मानक
UIDAI ने आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए सख्त वेरिफिकेशन नियम लागू किए हैं।
अब केवल वैध और सक्रिय आधार नंबर ही केवाईसी के लिए उपयोग किए जा सकेंगे।
यदि किसी आधार नंबर में त्रुटि या डुप्लीकेट पाया जाता है, तो संबंधित बैंक या निवेश सेवाएं तब तक रोकी जाएंगी जब तक समस्या सुलझ नहीं जाती।
UIDAI का लक्ष्य: “डिजिटल ट्रस्ट, आसान पहुंच”
UIDAI का कहना है कि ये बदलाव “डिजिटल ट्रस्ट और सरल पहुंच” के विज़न का हिस्सा हैं।
इन सुधारों से आधार और अधिक सुरक्षित, उपयोगकर्ता-अनुकूल और डिजिटल रूप से सशक्त बनेगा।
नवंबर 2025 से लागू ये नए नियम आधार को भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली का मजबूत स्तंभ बना देंगे — एक ऐसा पहचान ढांचा जो सुरक्षित, समावेशी और पूरी तरह डिजिटल होगा।